7 जून, 2022 को राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (National Tribal Research Institute : NTRI) का नई दिल्ली में शुभारंभ किया गया।
इसका शुभारंभ जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत किया गया।
यह एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होगा।
संस्थान का उद्देश्य
एनटीआरआई (NTRI) जनजातीय विरासत और संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण के साथ-साथ जनजातीय अनुसंधान के लिए एक मुख्य केंद्र के रूप में होगा।
संस्थान के प्रमुख कार्य
यह शैक्षणिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्रों में जनजातीय चिंताओं, मुद्दों और मामलों के हेतु मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
यह अन्य प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों के साथ-साथ शैक्षणिक निकायों और संसाधन केंद्रों के साथ सहयोग एवं समन्वय करेगा।
यह जनजातीय अनुसंधान संस्थानाें (Tribal Research Institutes), उत्कृष्टता केंद्रों (Centers of Excellence: CoE), शोध परियोजनाओं की निगरानी, अनुसंधान और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानदण्ड स्थापित करेगा।
यह जनजातीय जीवन शैली के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं में सुधार या मदद करने वाले अध्ययनों एवं कार्यक्रमों को तैयार करेगा।
यह सरकार को नीतिगत जानकारी देगा।
यह राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा तथा सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
अन्य तथ्य
21 फरवरी, 2022 को जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) उत्तराखण्ड के परामर्शाधीन राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने आदिम जनजाति सेवा संगठन, नई दिल्ली के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।
इस समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य जनजातियों पर दुर्लभ पुस्तकों को संरक्षित, सुरक्षित और उनका डिजिटलीकरण किया जा सके तथा जनजातीय संग्रहालयों का पुनर्निर्माण और उनका डिजिटलीकरण हो सके।
ध्यातव्य है, कि 15 नवंबर को बिरसा मुण्डा की जयंती के उपलक्ष्य में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है (वर्ष 2021 से प्रारंभ किया गया)।
निष्कर्ष
यह ‘राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान’ जनजातीय समुदाय के समग्र विकास एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा।